सिर्फ फोटो खिचवा सकता हुं



नई दिल्ली : पिछले कुछ दिनों से देश की बेटींया अपने साथ हुए लैंगिक शोषण के खिलाफ दिल्ली में धरना दे रही है । जिन्होंने देश के लिए ऑलंपिक मे गोल्ड मेडल जिता है, अन्य प्रतियोगिता में देश का नाम रोशन किया है । वह लोग मांग कर रहे है की, उनके खिलाफ हुए लैंगिक अत्याचार पर FIR हो और CBI जांच कराई जाए ।

प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी #सिर्फ खिलाडियों के साथ #फोटो खिचवा सकते है । उनके साथ हुए लैंगिक शोषण के खिलाफ मोदीजी चायना-अदाणी वाला मौन धारण किए हुए है । उनसे मोदीजी, भाजपा और उनके भक्तजन का कोई लेना देना नही है । हर छोटी बात पर इनकी भावनाएं आहत होती है, लेकिन यह लोंगो ने इस मामले पर गजब की चुप्पी साध ली है ।

आखिरकार मोदीजी और उनके भक्तजनो की ऐसी कौनसी मजबूरी है, न्याय की बात को भी गलत ठहराकर, पहलवानों के आंदोलन को देश की छवी खराब करना बता रहे है । लैंगिक अत्याचार के मामले पर FIR ना करने से यह लोग किस देश की इज्जत को बढा रहे है ? दुनिया हमारे बारे क्या बात कर रही है, यह गोदी मिडीया तो बताने से रहा ।

क्या वजह है की, नरेंद्र मोदी सरकार बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर इतनी मेहरबान है । बेटियों के इज्ज़त का कोई मोल नही ? यही बीजेपी का असली चेहरा है । अगर कोई उर्दु नाम वाला होता तो अब देश में कितने डिबेट और ना जाने कितनी सांप्रदायिक प्रतिक्रिया की बाढ आ जाती ।

देश के मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने इन खिलाडियों को सुप्रीम कोर्ट में पहली जीत दिलाई है । सात महिला खिलाडियों ने सुप्रीम कोर्ट अपील दायर की थी । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस देकर जवाब तलब किया है ।

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