सुदर्शन चैनल के सांप्रदायिक प्रोग्राम पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक ।

सुदर्शन चैनल के सांप्रदायिक प्रोग्राम पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक ।


            Photo credit : the lallantop


इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक :

जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने इस प्रोग्राम के खिलाफ़ दिल्ली हाईकोर्ट मे याचिका दायर की थी उस पर फ़ैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश नवीन चावला ने इस प्रोग्राम के खिलाफ़ 28 अगस्त को रोक लगा दी थी ।

केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट मे कहा था के किसी भी चैनल से प्रोग्राम प्रसारित होने से पहले उसकी स्क्रिप्ट नहीँ मांगी जा सकती । सुदर्शन चैनल को नोटिस जारी कर इस सांप्रदायिक प्रोग्राम पर जवाब मांगा गया था ।  सुदर्शन चैनल के संपादक सुरेश चव्हाणके ने 31 अगस्त को अपना जवाब मंत्रालय को सौंप दिया था ।

लेकिन 10 सितम्बर को इस सांप्रदायिक प्रोग्राम को इजाजत देते हुए सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय ने कहा था के इस प्रोग्राम के जरिए किसी भी कानून का उल्लंघन होता है तो चैनल के खिलाफ़ सख्त कारवाई की जाएगी ।




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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा :


सुप्रीम कोर्ट के तिन जजों की खंडपीठ ने इस मामलें मे फैसला सुनाते हुए इस कार्यक्रम की आलोचना की है । तिन जजों की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस कार्यक्रम की आलोचना करते हुए कहा के इस चैनल की और से किए जा रहे दावे UPSC परिक्षा की विश्वसनीयता को नुकसान करता है । इस चैनल की और से किए जा रहे दावे घातक है । उन्होंने कहा के हर व्यक्ति इस परिक्षा के लिए आवेदन कर चयन प्रक्रिया से गुजर कर इस सेवा मे आता है । एक समुदाय विशेष पर घुसपैठ का इशारा करना, देश को बहोत बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है । इस मामलें को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे गुरुवार को फिर सुनवाई होगी ।


सुदर्शन चैनल के संपादक एंव मालिक सुरेश चव्हाणके ने 25 अगस्त को ट्विटर पर इस कार्यक्रम को लेकर ट्विट किया था । उसपर अनेकों IPS,IAS अफसरों के साथ आईपीएस असोसियेशन, आईएएस असोसिएशन और UPSC से जुड़ी प्रमुख असोसिएशन ने इस कार्यक्रम की आलोचना की थी ।











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