नई दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर केंद्र सरकार को सीधी चुनौती दी है। विदेश से लौटते ही ओवैसी ने साफ किया कि वे अब संसद के मानसून सत्र में पहलगाम सुरक्षा चूक और सीजफायर जैसे मुद्दों को ज़ोर-शोर से उठाने वाले हैं।
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🔸 विदेश में भारत का पक्ष, देश में सख्त सवाल
ओवैसी हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अल्जीरिया, सऊदी अरब, बहरीन और कुवैत गए थे। वहां उन्होंने पाकिस्तान के झूठ को मुस्लिम देशों में उजागर किया। लेकिन देश लौटने के बाद ओवैसी ने साफ कहा – "देश की बात देश में होगी। अगर मॉब लिंचिंग होगी तो हम बोलेंगे, अगर गौरक्षक परेशान करेंगे तो हम चुप नहीं रहेंगे।"
🔹 ओवैसी बोले: "मैं कभी नहीं बदलूंगा"
“जब तक एक सांस बाकी है, मैं नहीं बदलूंगा। सीएए, तीन तलाक और वक्फ बिल जैसे कानूनों का मैंने विरोध किया है, करता रहूंगा। हम भारत का पक्ष विदेश में रखेंगे और देश के अंदर लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए सरकार की आलोचना करते रहेंगे।”
🔸 संसद में पहलगाम पर बहस की तैयारी
ओवैसी ने सवाल किया कि पहलगाम में हुई सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा, “अगर सरकार बहस से बचती है और कहती है कि यह संवेदनशील मुद्दा है, तो हम इन-कैमरा डिबेट की मांग करेंगे। पहले भी चीन मुद्दे पर ऐसा हो चुका है।”
🔹 सीजफायर पर सवाल: अमेरिका से क्यों पता चला?
ओवैसी ने एक गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि सीजफायर का ऐलान देश के प्रधानमंत्री को करना चाहिए था। "हमें यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति के ट्वीट से क्यों पता चली? क्या ये भारत की जनता को खुद उनके नेतृत्व से नहीं सुननी चाहिए थी?"
🔸 राहुल गांधी पर चुप्पी, लोकतंत्र पर दो टूक
राहुल गांधी के बयान पर उन्होंने जवाब टालते हुए कहा कि, “वो बड़े नेता हैं, मेरा फोकस संविधान और अधिकारों की रक्षा पर है।”
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