बालासोर दुर्घटना: अब तक नहीं हो पाई 29 शवों की पहचान

भुवनेश्वर : बालासोर ट्रेन इतना भयावह था कि इसमें 295 लोगों की मौत हो गई थी । एलएल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, भुवनेश्वर ने जानकारी दी है कि, अब तक 113 शवों को उनके रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है और 29 शवों की पहचान की जानी बाकी है ।


एम्स भुवनेश्वर के चिकित्सा अधीक्षक दिलीप कुमार परिदा ने कहा कि राष्ट्रीय संस्थान को दो चरणों में 162 शव मिले थे । अब तक यहां एम्स भुवनेश्वर में कंटेनरों में 29 शव संरक्षित हैं, जिनमें से ज्यादातर अज्ञात और लावारिस हैं ।

परिदा ने कहा कि, हम दिल्ली सीएफएसएल से डीएनए नमूनों की आखिरी खेप का इंतजार कर रहे हैं, फिर हम बाकी शवों को सौंप देंगे । उन्होंने आगे कहा कि लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के संबंध में निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा ।

डीएनए नमूनों के मिलान के बाद भी अगर कोई लावारिस शव होगा तो उनका दाह संस्कार किया जाएगा, लेकिन इस संबंध में निर्णय राज्य सरकारों और भुवनेश्वर नगर निगम की सहमति से मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा ।

इससे पहले 21 जुलाई को, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जांच पूरी कर ली है, जिसमें 295 लोगों की जान चली गई थी । 

अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में बताया, " नॉर्थ सिग्नल गूमटी (स्टेशन के) पर किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन में खामियों के कारण यह हादसा हुआ ।

स्टेशन पर क्रॉसिंग गेट नंबर 94। इन खामियों के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 को गलत सिग्नल मिला, जिसमें यूपी होम सिग्नल ने स्टेशन की यूपी मुख्य लाइन पर रन-थ्रू मूवमेंट के लिए ग्रीन सिग्नल दिया, लेकिन क्रॉसओवर यूपी मुख्य लाइन को जोड़ रहा था ।

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