पाकिस्तान में तोड़े गए मंदिर को लेकर पाक सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला
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30 दिसम्बर को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले के अंदर श्री परमहंस जी महाराज के समाधि मंदिर और कृष्ण द्वारा मंदिर को कुछ असमाजिक तत्वों ने ध्वस्त किया था । मंदिर में आग लगाने से मंदिर पुरा जल गया था । पुरी दुनियाभर से इमरान सरकार की आलोचना की गई । इस हिंसा के खिलाफ़ इमरान सरकार ने दोषियों के धरपकड़ के दावे भी करती रही ।
इस हिंसा को लेकर पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने खैबर पख्तूनख्वा के प्रातिंय सरकार को कड़े निर्देश देते हुए कहा है के दो हफ़्तों के अंदर श्री परमहंस जी महाराज की समाधि मंदिर और कृष्ण द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार करने के निर्देश दिए है । मुख्य न्यायाधीश ने कहा है के जो लोग इस हिंसा में शामिल थे, उन लोगों की और से इस मरम्मत का भुगतान करना चाहिए ।
इससे पहले भी 1997 को श्री परमहंस जी महाराज के इस समाधि स्थल को तोड़ा गया था । लेकिन स्थानीय हिंदु समुदाय के मांग को मानकर पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इसे 2015 में कुछ शर्तों के साथ दोबारा तामीर करने का फैसला दिया था ।
श्री परमहंस जी महाराज के मानने वाले सिर्फ भारत-पाकिस्तान में ही नही पुरे दुनियाभर में मौजूद है । यह हिंसा की खबर सुनकर देश-विदेश से पाकिस्तानी सरकार को दवाब का सामना करना पडा । देखते है पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय सरकार कबतक अमल में लाती है ।
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शायद हमारे यहाँ भी कुछ ऐसी ही कट्टरपंथी सोंच बढ रही है । असमाजिक तत्वों द्वारा मध्यप्रदेश में एक समुदाय विशेष के धर्मस्थल के उपर चढ़कर जो कुछ भी किया और वह सब सोशल मीडिया प्लैटफार्म के जरिए दुनियाभर में पहुंचकर हमारी इज्जत नही बढाएगा यह हमे ख़्याल रखना चाहिए ।
आप पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट और पाक सरकार के के इस रवैये को कैसे देखते है यह हमे कमेन्ट कर जरूर बताए ।
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