बीजेपी ने हमारे पिठ में छुरा घौंपा - जेडीयू नेतागण
इस बार हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को मुख्यमंत्री पद तो मिला लेकिन एक करारी हार का सामना भी करना पडा था । जेडीयू बस 43 सीटों तक ही सिमट कर रह गयी थी । अब इसी को लेकर जेडीयू के नेताओं की बीजेपी को लेकर नाराजगी सामने आ रही है ।
इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ़ उम्मीदवार देकर नितीश कुमार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी । और इसमें वह बहोत हद तक कामयाब भी रहे । लेकिन बीजेपी के सहयोग से नितीश कुमार बिहार के फिरसे मुख्यमंत्री बन पाए ।
जेडीयू के हारे हुए ज्यादातर प्रत्याशी अपने हार की जिम्मेदारी बीजेपी के उपर ढकल रहे है । उनकी हार बीजेपी के साज़िशों के कारण हुई है ऐसा अपने वरिष्ठों को बता रहे है ।
इस बार हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू को मुख्यमंत्री पद तो मिला लेकिन एक करारी हार का सामना भी करना पडा था । जेडीयू बस 43 सीटों तक ही सिमट कर रह गयी थी । अब इसी को लेकर जेडीयू के नेताओं की बीजेपी को लेकर नाराजगी सामने आ रही है ।
इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ़ उम्मीदवार देकर नितीश कुमार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी । और इसमें वह बहोत हद तक कामयाब भी रहे । लेकिन बीजेपी के सहयोग से नितीश कुमार बिहार के फिरसे मुख्यमंत्री बन पाए ।
जेडीयू के हारे हुए ज्यादातर प्रत्याशी अपने हार की जिम्मेदारी बीजेपी के उपर ढकल रहे है । उनकी हार बीजेपी के साज़िशों के कारण हुई है ऐसा अपने वरिष्ठों को बता रहे है ।
नितीश कुमार बीजेपी से नाराज ?
बिहार के अंदर जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है। बिहार में आरजेडी को 75, बीजेपी को 74 और जेडीयू 43 सीटों में ही सिमट कर रह गयी थी । इसी का दर्द शायद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सता रहा हो । शनिवार को हुई जेडीयू की राष्ट्रिय परिषद् में नितीश कुमार का दर्द साफ दिख रहा था । उन्होंने इशारों ही इशारों में बीजेपी के लिए संदेश दे दिया । शनिवार को हुए इस परिषद में उन्होंने कहा के, एनडीए (NDA) में सीट बटवारे में देरी के कारण दोस्त और दुश्मन को समझना मुश्किल हो गया । एनडीए में सीटों का बंटवारा पाँच महिनों पहले ही होना चाहिए था लेकिन देरी के कारण पता ही नही चला के कोन साथ दे रहा है और कोन नही । हार का संदेह चुनाव से पहले ही हो चुका था ।
उन्होंने इस राष्ट्रीय परिषद में कहा की, चिराग पासवान के एनडीए से अलग होने के बावजूद बीजेपी का उनके खिलाफ़ नरम रवैया था । सरकार में जो उनके सहयोगी थे, उन्होंने भी घर-घर तक जाकर उनके काम को नही पहुंचाया । सोशल मीडिया पर उनके और उनके पार्टी के खिलाफ़ झूठा प्रोपोगेंडा चलाया गया ।
बिहार के अंदर जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है। बिहार में आरजेडी को 75, बीजेपी को 74 और जेडीयू 43 सीटों में ही सिमट कर रह गयी थी । इसी का दर्द शायद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सता रहा हो । शनिवार को हुई जेडीयू की राष्ट्रिय परिषद् में नितीश कुमार का दर्द साफ दिख रहा था । उन्होंने इशारों ही इशारों में बीजेपी के लिए संदेश दे दिया । शनिवार को हुए इस परिषद में उन्होंने कहा के, एनडीए (NDA) में सीट बटवारे में देरी के कारण दोस्त और दुश्मन को समझना मुश्किल हो गया । एनडीए में सीटों का बंटवारा पाँच महिनों पहले ही होना चाहिए था लेकिन देरी के कारण पता ही नही चला के कोन साथ दे रहा है और कोन नही । हार का संदेह चुनाव से पहले ही हो चुका था ।
उन्होंने इस राष्ट्रीय परिषद में कहा की, चिराग पासवान के एनडीए से अलग होने के बावजूद बीजेपी का उनके खिलाफ़ नरम रवैया था । सरकार में जो उनके सहयोगी थे, उन्होंने भी घर-घर तक जाकर उनके काम को नही पहुंचाया । सोशल मीडिया पर उनके और उनके पार्टी के खिलाफ़ झूठा प्रोपोगेंडा चलाया गया ।
NRC पर नितीश कुमार :
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद में कहा कि, हमे यह 43 सीटें NRC लागु ना करने के फैसले पर ही मिली है । NRC को बिहार में लागु ना कराने के फैसले पर हमारे समर्थकों ने हमे आंख मुंद कर वोट दिया । यह फैसला हमारे फायदे का साबीत हुआ । ऐसा न होता तो हमे 43 सीटें नही मिलती । याने नितीश कुमार ने साफ कर दिया NRC बिहार में लागु नही होगी ।
जेडीयू के बहोत से हारे हुए प्रत्याशी और बडे नेता भी अब बीजेपी को लेकर नाराजगी जता रहे है । ऐसे में देखना यह होगा के बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इस नाराजगी को दुर करनें मे कामयाब होता है के नही ।
क्या यह नाराजगी जेडीयू-बीजेपी को और दुर कर रख देगी ? आपको क्या लगता है यह हमें कमेन्ट कर जरूर बताए । आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर करना ना भूलें ।
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद में कहा कि, हमे यह 43 सीटें NRC लागु ना करने के फैसले पर ही मिली है । NRC को बिहार में लागु ना कराने के फैसले पर हमारे समर्थकों ने हमे आंख मुंद कर वोट दिया । यह फैसला हमारे फायदे का साबीत हुआ । ऐसा न होता तो हमे 43 सीटें नही मिलती । याने नितीश कुमार ने साफ कर दिया NRC बिहार में लागु नही होगी ।
जेडीयू के बहोत से हारे हुए प्रत्याशी और बडे नेता भी अब बीजेपी को लेकर नाराजगी जता रहे है । ऐसे में देखना यह होगा के बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इस नाराजगी को दुर करनें मे कामयाब होता है के नही ।
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बिहार