कोविड-19 के साथ अब बर्ड फ्लू की पुष्टि, 09 राज्य हुए है प्रभावित

कोविड-19 के साथ अब बर्ड फ्लू की पुष्टि, 09 राज्य हुए है प्रभावित 



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भारत में कुछ हद तक कोरोना वायरस का खतरा कम होने को है । ऐसे में भारत के नौं राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है । बर्ड फ्लू की वजह से 09 राज्य प्रभावित हो चुके है ।

हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल, दिल्ली और महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है ।


केंद्र सरकार ने विभिन्न चिड़ियाघर प्रबंधनों को निर्देश दिया है के वह केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) को दैनिक रिपोर्ट भेजें और ऐसा तब तक जारी रखें जब तक कि उनके इलाके को रोगमुक्त घोषित नहीं कर दिया जाता । पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाले CZA ने कार्यालयी ज्ञापन जारी कर कहा कि एवियन इन्फ्लुएंजा ‘पशुओं में संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कानून, 2009' के तहत अनुसूचित बीमारी है और इसे फैलने से रोकने के लिए इस तरह की बीमारी की जानकारी देना अनिवार्य है । बर्ड फ्लू का बढ़ता हुआ खतरा देखकर संसदीय कमेटी ने सोमवार को बैठक बुलाई है ।



दिल्ली  :


पशुपालन विभाग, दिल्ली के अनुसार, मृत कौवों और बत्तखों के आठ सैंपल के टेस्ट के बाद दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई और सभी सैंपल पॉजिटिव आए । दिल्ली के संजय झील में तकरीबन 27 बदकों की मृत्यु हो चुकी है और दिल्ली विकास प्राधिकरण के 14 पार्कों में 91 कव्वे मृत पाए गए है । डीडीए ने इसे 'अलर्ट क्षेत्र' घोषित किया है ।

महाराष्ट्र :


महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा बर्ड फ्लू का प्रभाव परभनी जिलें में दिख रहा है । यहां दो दिनों में 800 पक्षियों की मौत हो चुकी है । इन पक्षियों के सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए थे, जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है ।

महाराष्ट्र के लातूर जिले के अहमदपुर के 10 किलोमीटर क्षेत्र को 'अलर्ट क्षेत्र' घोषित किया गया है । यहां दो दिन में 128 मुर्गियाँ और 180 पक्षी मृत पाए गए है ।
महाराष्ट्र में बीड,चेंबुर इस एरिया में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है ।

गुजरात :


एवियन इन्फ्लूएंजा के डर के बीच गुजरात के विभिन्न हिस्सों में दर्जनों पक्षी मरे हुए पाए गए हैं और पशु पालन विभाग के कर्मचारी जांच के लिए नमूने जमा कर रहे हैं ।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा की, राज्य सरकार बर्ड फ्लू से निपटने के लिए पुरी तरह से सक्षम है । पशुपालन विभाग की और से नमूनों को जमा किया जा रहा है । गुजरात के एक गाँव के मुर्गीपालन फ़ार्म में 18 मुर्गियाँ मृत मिली है । जिसको लेकर सावधानीयाँ बरती जा रही है ।

केरल :


केरल के दोनों जिलों में रोकथाम और नियंत्रण का काम पुरा कर लिया गया है । राज्य सरकार ने निगरानी कार्यक्रम संबंधी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं ।

हरियाणा  :


हरियाणा के पंचकूला जिले में दो मुर्गीपालन फ़ार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है । राज्य सरकार ने त्वरित 09 प्रक्रिया दल तैनात किए हुए है । रोकथाम अभियान जारी है ।


उत्तर प्रदेश  :


उत्तर प्रदेश के कानपुर के चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए जाने के बाद यहाँ अलर्ट जारी किया गया है । और इसे जनता के लिए बंद कर दिया गया है । उसीके साथ ही राजधानी लखनऊ स्थित प्राणी उद्यान और बरेली के केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (CARI) में इस वायरस से बचाव के लिए उचित बंदोबस्त किए गए हैं ।

मध्य प्रदेश :



मध्य प्रदेश के 13 जिलों के कौओं के नमूनों में बर्ड फ्लू के H5N8 प्रकार का संक्रमण पाया गया है । मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी अनुसार, ‘‘राज्य में अब तक 13 जिलों- इंदौर, मंदसौर, आगर मालवा, नीमच, देवास, उज्जैन, खंडवा, खरगौन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर एवं विदिशा - में कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है.'' उन्होंने बताया कि 9 जनवरी तक 27 जिलों से लगभग 1100 कौओं एवं जंगली पक्षियों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है.



राजस्थान :


राजस्थान में रविवार को 428 पक्षियों की मृत्यु हो चुकी है । उसके साथ ही अबतक राजस्थान में पक्षियों के मृत्युओं का आकड़े 3000 के करिब पहुँच गया है । और इनमें सबसे अधिक कव्वों (2250) की मृत्यु हो चुकी है ।
सरकार भी इसी को देखते हुए उचित कदम उठा रही है ।

हिमाचल प्रदेश  :


हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले मे रविवार को पोंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में 215 प्रवासी पक्षी मृत मिले है । बर्ड फ्लू से मरने वाले पक्षियों की संख्या हिमाचल प्रदेश में 4250 के करीब पहुंच गई है । सोलन जिले में भी लगातार चौथे दिन बड़ी संख्या में मृत मुर्गे-मुर्गियां चंडीगढ़-शिमला राजमार्ग के किनारे फेंके पाए गए । सुरक्षा के हेतु इन्हें दफना दिया है और टेस्टिंग के लिए भेजा गया है ।


बर्ड फ्लू से बचने के लिए कुछ खास सावधानी बरतने की जरूरत है :


● कच्चे अंडे ना पिए

● कच्चा मीट (गोश्त), मच्छी ना खांए ।

● आधा पका मीट, मच्छी ना खांए ।

●  चिकन को अच्छा उबालें ।

● 100° सेल्सियस तापमान पर पकाकर खांए ।






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