गजब ! Dream 11 में भी चीनी कंपनी की हिस्सेदारी

गजब ! Dream 11 में भी चीनी कंपनी की हिस्सेदारी 

                  photo credit : wikipedia

भारत-चीन सीमा तनाव के जब से भारत मे चीन और उसके वस्तुओं के खिलाफ़ लगातार विरोध् बढ़ रहा है । इसी विरोध् को देखते हुए BCCI ने IPL की टाइटल स्पाॅन्सरशिप वीवो से निकालकर किसी अन्य ग़ैर चीनी कंपनी को देने के लिए बोली का आयोजन किया था । और इस आयोजन मे सबसे ज़्यादा बोली लगाकर DREAM 11 ने स्पाॅन्सरशिप अपने नाम की । Dream 11 ने 712 करोड़ ₹ मे तीन साल के लिए बोलीं जीती ।

2018 मे वीवो ने टाइटल स्पाॅन्सरशिप के लिए 2199 करोड़ ₹ मे पाँच साल के लिए BCCI से करार किया था । सिधे तौर पर BCCI को हर साल 217.80 करोड़ ₹ का घाटा होगा ।

भारत मे अनेक स्टार्टअप मे भारतीय उद्योगपतियों से ज्यादा पैसा चायना के कंपनियों लगाया है । आज किसी भी बड़े स्टार्टअप मे चीनी कंपनियों निवेश जरूर नजर आएगा जो की आज बड़ी कंपनियां बन चुकी है ।

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Dream 11 भारत की पहली सबसे बड़ी गेमिंग स्टार्टअप कंपनी बन चुकी है । हर्ष जैन इसके को- फाउंडर और सीईओ है । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड फिलहाल इस कंपनी को पुरी तरस से भारतीय है कहने पर ज़ोर दे रहा है । वजह भी कुछ ऐसी ही है !

Time Of India के मुताबिक Dream 11 मे तक़रीबन 20-25 % की हिस्सेदारी चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी टेनसेंट की है । इस निवेश की खबर 2018 मे वीसी सर्किल नामक उद्योगिक खबरों को प्रकाशित करने वाली वेबसाइट ने इसको प्रकाशित किया था । उस समय टेनसेंट कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर (720 करोड़ ₹ तब के एक्सचेंज के मुताबिक) Dream 11 मे निवेश किया था ।

खास बात यह है के Dream 11 कंपनी के ब्रैंड एम्बेसडर महेंद्र सिंह धोनी है । 


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