तबलिगी जमात को बलि का बकरा बनाया गया : बाॅम्बे हाईकोर्ट
भारत मे कोरोना वायरस को फैलाने का आरोप एक तरह से तबलिगी जमात और मुसलमानों पर लगा देने का काम कुछ सांप्रदायिक ताकतों और मिडिया की और से किया गया था । इस सब मामले मे मिडिया की रिपोर्टिंग भी पुरी तरह से एक तरफा नजर आयी । सरकार भी तबलिगी जमात के अलग से आकड़े बताने मे लगी हुई थी । लेकिन आज 27 लाख से अधिक के कोरोना वायरस संक्रमण के मामले हो जाने पर भारतीय मिडिया चुप है और सरकार से सवाल करने की हिम्मत नही रखती ।
इस मामलें मे महाराष्ट्र के अंदर 29 विदेशी लोगों पर महाराष्ट्र पुलिस एक्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, एपीडेमिक डिसिस एक्ट और विदेशी लोगों के लिए बनाए गए एक्ट के मुताबिक FIR दर्ज की गई थी ।
इसके साथ इन विदेशी लोगों का साथ देना, अपने घर पर इन्हें ठहरने के लिए जगह देना इस को लेकर 6 भारतीय लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया था ।
भारत मे कोरोना वायरस को फैलाने का आरोप एक तरह से तबलिगी जमात और मुसलमानों पर लगा देने का काम कुछ सांप्रदायिक ताकतों और मिडिया की और से किया गया था । इस सब मामले मे मिडिया की रिपोर्टिंग भी पुरी तरह से एक तरफा नजर आयी । सरकार भी तबलिगी जमात के अलग से आकड़े बताने मे लगी हुई थी । लेकिन आज 27 लाख से अधिक के कोरोना वायरस संक्रमण के मामले हो जाने पर भारतीय मिडिया चुप है और सरकार से सवाल करने की हिम्मत नही रखती ।
इस मामलें मे महाराष्ट्र के अंदर 29 विदेशी लोगों पर महाराष्ट्र पुलिस एक्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, एपीडेमिक डिसिस एक्ट और विदेशी लोगों के लिए बनाए गए एक्ट के मुताबिक FIR दर्ज की गई थी ।
इसके साथ इन विदेशी लोगों का साथ देना, अपने घर पर इन्हें ठहरने के लिए जगह देना इस को लेकर 6 भारतीय लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया था ।
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बाॅम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बैंच ने इस के खिलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश मे कहा है के, तबलिगी जमात को बलि का बकरा बनायां गया, साथ ही मिडिया के एक तरफा रिपोर्टिंग पर सवाल भी उपस्थित किए । बेंच ने कहा के अभी के ताज़ा आकड़े देखते हुए याचीकाकर्ता ओं पर ऐसी कोई कारवाई करने की जरूरत नही थी । विदेशी लोगों को कोविड-19 के संक्रमण का जिम्मेदार बनाने की कोशिश की गई ।
याचीका कर्ताओं का कहाना था के वह भारत के विजा के उपर आए थे । साथ ही भारत के संस्कृति का देखना चाहते थे । उन्होनें दावा भी किया के उन्हें एअरपोर्ट पर आते वक्त टेस्ट भी किया गया था । जब सरकार की तरफ से लाॅकडाउन घोषित किया गया तब सभी होटेल और अन्य जगह जहाँ ठहरने का इन्तज़ाम होता था वह सब बंद थे । ऐसे मे वह लोग कहाँ जाते ?
बाॅम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने तिन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सभी दर्ज FIR को रद्द करने का आदेश दिया है । इससे मिडिया और सरकार को सबक लेने की और तबलिगी जमात के लोगों से माफी मांगने की जरूरत है ।
बाॅम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बैंच ने इस के खिलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश मे कहा है के, तबलिगी जमात को बलि का बकरा बनायां गया, साथ ही मिडिया के एक तरफा रिपोर्टिंग पर सवाल भी उपस्थित किए । बेंच ने कहा के अभी के ताज़ा आकड़े देखते हुए याचीकाकर्ता ओं पर ऐसी कोई कारवाई करने की जरूरत नही थी । विदेशी लोगों को कोविड-19 के संक्रमण का जिम्मेदार बनाने की कोशिश की गई ।
याचीका कर्ताओं का कहाना था के वह भारत के विजा के उपर आए थे । साथ ही भारत के संस्कृति का देखना चाहते थे । उन्होनें दावा भी किया के उन्हें एअरपोर्ट पर आते वक्त टेस्ट भी किया गया था । जब सरकार की तरफ से लाॅकडाउन घोषित किया गया तब सभी होटेल और अन्य जगह जहाँ ठहरने का इन्तज़ाम होता था वह सब बंद थे । ऐसे मे वह लोग कहाँ जाते ?
बाॅम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने तिन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सभी दर्ज FIR को रद्द करने का आदेश दिया है । इससे मिडिया और सरकार को सबक लेने की और तबलिगी जमात के लोगों से माफी मांगने की जरूरत है ।
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