पुर्व CBI डायरेक्टर का सांप्रदायिक ट्विट, सरकार कारवाई करेगी ?


पुर्व CBI डायरेक्टर का सांप्रदायिक ट्विट, सरकार कारवाई करेगी ?


जिनका काम संविधान को जनता मे लागु करवाने का हो, सबको समान रूप मे न्याय देकर समाज की सांप्रदायिक भावना को मिटाने का प्रयास करना चाहिए ऐसे हमारे होनहार IAS/IPS अधिकारी अगर एक संकुचित विचारधारा मे बंध कर सांप्रदायिक हो जाए तो क्या कहने ! यह लोग बड़े पदों पर बैठने के बाद इनसे उम्मीदे और भी बढ़ जाती है और यह आगे चलकर इनकी और से सांप्रदायिकता फैलाई जाए तो इनके सेवा मे रहते हुए जो काम इन्होंने किए है उसपर उंगली उठना स्वाभाविक है ।


मामला पुर्व CBI डायरेक्टर M. नागेश्वर राव की और से किए गए सांप्रदायिक ट्विट का है । उन्होंने 1947-77 के बिच देश के जो शिक्षामंत्री रहे है उनपर ही विवादित टिप्पणी की है । ऊनके और से किए गए शिक्षा सुधारों पर उंगली उठाते कहा के भारत के 1947-77 के बिच जो शिक्षामंत्री रह चुके है उन्होंने भारत के इतिहास से छेड़छाड़ की है । इन लोगों ने हिंदूओं को उनके ज्ञान से दुर रखा, भारत के लोगों के सोंच को अब्राहम मजहब(इस्लाम,क्रिश्चियन) के सोंच के उपर शिक्षा देना और इसी अब्राहम मजहब के जैसा मिडिया और मनोरंजन को कर देने का काम किया, हिंदुओ को उनके पहचान के बारे मे गलत भावना को दिखाना, हिंदुओं को उनके समाज से दुर कर देना, ऐसी कुछ विवादित और सांप्रदायिक बाते उनकी और से की गई । मुसलमानों होगा तो अब्राहम मजहब से ताल्लुक रखने वाला और कोई हिंदु होगा तो उसे वामपंथी बताने का काम नागेश्वर राव ने किया है । शायद भारत के राजनीति मे अब यह बात बहोत पुरानी हो चुकी है, इन्हें पता नही ।

ऐसी सोंच रखने वाले अधिकारी के खिलाफ़ सख्त कारवाई होनी चाहिए, समाज मे सांप्रदायिकता बढ़ाने के साथ यह गलत बातें भी जनमानस मे फैलाने का काम कर रहे है । इन अधिकारियों के लिए भी कुछ नियमावली है जो इनपर लागु होती है, यह उसका साफ़ उल्लंघन कर रहे है ।

ऐसे ही कुछ अधिकारी, ऐसी ही घटिया बाते कर-कर राजनीति मे अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे है । देखना यह है के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इनपर कुछ एक्शन लेती है या यह भी मामला ठंडे बस्ते मे चला जाता है ।

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