नितिश कुमार की जगह लेंगे पुर्व आयएएस अधिकारी आरसीपी सिंह
जनता दल यूनाइटेड के नए अध्यक्ष का ऐलान हो चुका है । अब जनता दल यूनाइटेड के नए अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह होंगे । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है के एक साथ दो पद संभालना मुष्किल है, इसलिए राष्ट्रिय कार्यकारिणी में यह फैसला लिया गया ।
इससे कुछ दिन पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह साफ कर चुके थे के उनके बाद रामचंद्र प्रसाद सिंह दुसरे दर्जे के नेता है । आपको बताते चले के रामचंद्र प्रसाद सिंह वर्तमान में राज्यसभा में संसदीय दल के नेता है । इन सब में आरसीपी सिंह नितीश कुमार के बेहद खास और विश्वासु समझे जाते है । और खास बात यह है के वह नितीश कुमार के ही कुर्मी जाती से आते है । आरसीपी सिंह के अलावा भी पार्टी में अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद है , और कुछ नेताओं सें आरसीपी सिंह की कुछ खास बनती नही । लेकिन जबतक नितीश कुमार है तबतक उनका ही हुक़्म मानना पड़ेगा ।
आरसीपी सिंह के भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से अच्छे संबध है । 2014 के लोकसभा चुनाव हों या इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव, आरसीपी सिंह हर हार कि जिम्मेदार अपने कंधों पर लेकर नितीश कुमार के इमेज को बचाने की कोशिश में लगे रहते थे । इसी का ही फल उन्हें आज प्राप्त हुआ हो ? साथ ही आरसीपी सिंह आयएएस भी रह चुके है, इसलिए उनके योग्यता को देखते हुए यह फैसला किया गया हो ।
आप क्या सोचते है, कमेंट कर जरूर बताए ।
बिहार : खडे बोल ---
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की जगह अब पूर्व आयएएस अधिकारी आरसीपी सिंह JDU के नए अध्यक्ष बनेंगे ।
जनता दल यूनाइटेड के नए अध्यक्ष का ऐलान हो चुका है । अब जनता दल यूनाइटेड के नए अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह होंगे । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है के एक साथ दो पद संभालना मुष्किल है, इसलिए राष्ट्रिय कार्यकारिणी में यह फैसला लिया गया ।
इससे कुछ दिन पहले ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह साफ कर चुके थे के उनके बाद रामचंद्र प्रसाद सिंह दुसरे दर्जे के नेता है । आपको बताते चले के रामचंद्र प्रसाद सिंह वर्तमान में राज्यसभा में संसदीय दल के नेता है । इन सब में आरसीपी सिंह नितीश कुमार के बेहद खास और विश्वासु समझे जाते है । और खास बात यह है के वह नितीश कुमार के ही कुर्मी जाती से आते है । आरसीपी सिंह के अलावा भी पार्टी में अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद है , और कुछ नेताओं सें आरसीपी सिंह की कुछ खास बनती नही । लेकिन जबतक नितीश कुमार है तबतक उनका ही हुक़्म मानना पड़ेगा ।
आरसीपी सिंह के भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से अच्छे संबध है । 2014 के लोकसभा चुनाव हों या इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव, आरसीपी सिंह हर हार कि जिम्मेदार अपने कंधों पर लेकर नितीश कुमार के इमेज को बचाने की कोशिश में लगे रहते थे । इसी का ही फल उन्हें आज प्राप्त हुआ हो ? साथ ही आरसीपी सिंह आयएएस भी रह चुके है, इसलिए उनके योग्यता को देखते हुए यह फैसला किया गया हो ।
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