बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउन्टर की जाँच करने के लिए तीन सदस्यीय जाँच आयोग गठित करने के लिए स्वीकृती दी । उत्तर प्रदेश सरकार ने इस जाँच को एक सदस्यीय आयोग बनाने का फैसला किया था और जिसमे जस्टिस शशिकान्त जायसवाल अध्यक्ष के तौर पर थे । अब इस जाँच मे बतौर सदस्य के रूप मे उत्तर प्रदेश की सरकार की और से पूर्व डीजीपी के यल गुप्ता को शामिल किया गया ।
के यल गुप्ता 1998 से लेकर 1999 तक उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रहे है । विकास दुबे के एनकाउन्टर को इन्होंने पुरे तरिके से सही साबित करने की कोशिश भी कि और मीडिया पर ही इस मुद्दे को ज्यादा तुल देने का आरोप लगाया । टेलीविजन के डिबेट मे यह पुलिस की भुमिका को सही ठहराते दिखे । फिर ऐसे व्यक्ति को जाँच मे बतौर सदस्य शामिल करना जनता और इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए पंडितों को यह बात खाफी खटक रही है ।
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